5 Tips about सफेद मूसली के लाभ You Can Use Today



सिर्फ इतना ही नहीं, ब्लैक राइस प्रोटीन, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होता है.

सफेद मूसली कैप्सूल और पाउडर, दोनों में क्या बेहतर है?

इसके अंकुर में सैपोनिन नाम का एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक होता है। यह बुढ़ापे की गति धीमी करता है, कामोत्तेजक में बढ़ावा करता है। सफ़ेद मूसली की जड़ों में स्टेरायडल और ट्राइटरपेनोइड सैपोनिन-रासायनिक यौगिक होता है जो यौगिक चिकित्सीय स्थानों में प्रयोग में लाया जाता है।

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बहुत से लोगों को मूत्र संबंधी समस्याएं होती है जैसे : पेशाब करने के दौरान दर्द होना। इस समस्या में मूसली जड़ के चूर्ण की १ से २ ग्राम की मात्रा का सेवन करना फायदेमंद है।

जिन कंदों का उपयोग बीज हेतु करना हो, उन्हें छोड़कर शेष मूसली को विपणन हेतु भिजवाने से पूर्व उसके कंदों/ट्यूबर्स/फिंगर्स की छिलाई करना अथवा उनका छिलका उतारना अत्यावश्यक होता है ताकि छिलका उतारने पर यह अच्छी तरह से सूख जाए तथा इसे बिक्री हेतु प्रस्तुत किया जा सके। यद्यपि यह कार्य अत्याधिक आसान है तथा अकुशल श्रमिक/बच्चे भी इसे कर सकते है परन्तु यह काफी अधिक श्रमसाध्य है तथा इसमें काफी समय लगता है, क्योंकि मूसली के प्रत्येक कंद/फिंगर को छीलना पड़ता है। वर्तमान में मूसली की छिलाई हेतु प्रचलित प्रमुख website विधियाँ निम्नानुसार हैं-

आइए, अब सफेद मूसली से होने वाले नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।

स्रोत- बिहार राज्य बागवानी मिशन, बिहार सरकार

सफेद मूसली खाने कि विधि के बाद जानने के बाद इसे लेते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानना भी जरूरी है।

भारत में सदियों से आयुर्वेद पद्धति की मदद से इलाज का चलन रहा है। आज के समय में लोग अंग्रेजी दवाइयों के सहारे इलाज तो करते हैं। लेकिन फिर भी आयुर्वेद पद्धति से इलाज की परंपरा भारतवर्ष में आज भी बरकरार है। आयुर्वेदिक औषधियों में ऐसी कई सारी औषधियां है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती हैं। उनमें से एक है सफेद मूसली, यह एक प्रकार का पौधा है जिसमें सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल लगते हैं। वैसे तो सफेद मूसली के कई फायदे हैं। लेकिन इसका ज्यादातर इस्तेमाल यौन संबंधी रोगों के इलाज में किया जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि सफेद मूसली को किन-किन बीमारियों के दौरान प्रयोग में लाया जा सकता है।

यदि आप स्तनपान कराने वाली मां या गर्भवती महिला हैं, तो इसे समय अवधि के दौरान इसे लेने की सलाह नहीं दी जाती है।

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इसको नियमित तौर पर बालों में अप्लाई करने से बाल टूटने की समस्या अपने आप दूर हो जाती है।

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